Friday, April 16, 2010

Day 1 in Shimla April 15, 2010 Bhagwan Arrival in Shimla



इस सुबह, श्री सत्य सांई इंटरनेशनल सेंटर में, भगवान 9:15 पर बाहर आये, पाँच मिनट दर्शन देने के पश्चात् आरती स्वीकार किये। आरती स्वीकार करने के बाद, भगवान इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गए। भगवान 10 बजे शिमला के लिए निकले और 11 बजे शिमला हवाई अड्डे पंहुचे। शिमला हवाई अड्डे से भगवान अपने दिव्य धाम, आनंद विलास जो 35 कि.मी. दूर स्थित है गाडियों से रवाना हुए।

Saturday, January 16, 2010

आदर्श और निरंतर सेवा

चिन्न कथा - एक छोटी सी कहानी भगवान की ओर से

आदर्श और निरंतर सेवा

भगवान् राम के राज्याभिषेक के कुछ दिनों के पश्चात् सीता माता और राम जी के तीनो भाईयो ने मिलकर हनुमान को रामजी की सेवा से अलग करने की योजना बनाई। वे भगवान् से जुडी विभिन्न सेवाओ की जिम्मेदारी आपस में बाँटना चाहते थे।............

Sunday, January 3, 2010

Saturday, Jan 02, 2010


ह्रदय के दोष को नैतिक जीवन जीकर दूर किया जा सकता है और यह मनुष्य का कर्तव्य है। एक समय आता है जब आप थक या कमजोर पड जाते हैं, तब आपको प्रार्थना करनी चाहिए, "हे भगवान, चीजे मेरी क्षमता से परे चली गयी हैं, मैं आगे कठिन परिश्रम की आवश्यकता महसूस कर रहा हूँ। कृपया मुझे शक्ति दे।" शुरुआत में, भगवान दूर से आपके प्रयासों को देखते हैं जैसे एक शिक्षक अपने छात्र से दूर रहता है, जब वह अपने सवालों के जवाब लिखते हैं। फिर, जब आप अपने लगाव के बहाने आनंद और अच्छे कामों और सेवा में लग जाते हैं, परमेश्वर आपके पास आकर प्रोत्साहित करता है। उसके लिए भगवान सूर्य की तरह होता है जो बंद दरवाजे के बाहर इंतज़ार कर रहा है। भगवान उनकी मौजूदगी की घोषणा नहीं करता है या दरवाजा नहीं पिटता है, वह तो बस इंतजार करता है! जैसे ही तुम थोडा सा दरवाजा खोलते हो, सूरज की रोशनी तुरंत भीतर से अँधेरे को बाहर कर देती है। तो, जब भी भगवान की मदद मांगी जाती है, वह आपकी ओर सहायता के लिए हाथ बढ़ाये मौजूद होता है। यदि किसी चीज की जरूरत है तो वह है उसे याद करने के लिए ज्ञान और प्रार्थना और पूछने के बीच अंतर को जानने की।