| Tuesday , Aug 25, 2009 | बिना ईश्वर इच्छा मनुष्य इस दुनिया में कुछ भी नहीं पा सकता है। ईश्वर ही सबका आधार है। तथापि, मनुष्य इस दंभ से भरा है कि वह ही सब कुछ कर रहा है। उसका यही घमंड विनाश का कारण है। यही उसके हताशा और निराशा का कारण है। मनुष्य का जीवन आज उसके प्रकृति पर आधारित है और इसलिए वह भगवान को भूल रहा है। यह एक गंभीर गलती है। आपको इस ब्रह्माण्ड के निर्माता ईश्वर में अपना विश्वास पैदा करना होगा और उनसे प्राप्त अपनी प्रकृति का आनंद उठाना होगा। भगवान पर भरोसा ही मनुष्य का प्रारंभिक दायित्व है। ~ बाबा
साई स्मृति | | | |
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