Monday, August 31, 2009

Monday , Aug 31, 2009

Monday , Aug 31, 2009

सेवा हेतु प्रारंभिक आवश्यकता या निस्वार्थ सेवा के लिए ह्रदय की पवित्रता को प्राप्त करना होता है। आपको अपने उद्देश्य और कौशल, लक्ष्य और योग्यता तथा इस बात की जांच करनी चाहिए कि आप सेवा के माध्यम से क्या प्राप्त करने की उम्मीद रखते है। आपको अहंकार और किसी भी प्रसिद्धि के लिए इच्छा का भी पता लगाना चाहिए। आपको तेरा-मेरा और घमंड की इस भावना को कि आप किसी गरीब और कम भाग्यशाली को सेवा दे रहे हैं से छुटकारा पाना चाहिए। आपको पद प्रतिष्ठा, धन-दौलत, विद्वत्ता की अभिमान को त्याग कर विनम्रता, आज्ञाकारिता, अनुशासन और दया का अभ्यास करना होगा। ~ बाबा


साई स्मृति

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